जब्त मकान का ताला तोडक़र किराए पर देने वाला गैंगस्टर व उसका पिता अरेस्ट ! निर्वतमान प्रधान का पति है गैंगस्टर !
उत्तर प्रदेश : गोरखपुर
11 अगस्त 2022 : खोराबार पुलिस ने सोमवार को गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त किए गए मकान का ताला तोड़कर उसे एक कंपनी को किराए पर देने के आरोपी गैंगस्टर राजेश निषाद व उसके पिता मोतीचंद्र को अरेस्ट कर लिया । पुलिस ने दोनों को मुखबिर की सूचना पर जंगल सिकरी देवरिया बाईपास तिराहे से पकड़ा । पुलिस ने दोनों को कोर्ट में पेश किया ।
SP सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि सिकटौर करमहिया निवासी राजेश निषाद की पत्नी मंजू देवी गांव की निर्वतमान प्रधान हैं । राजेश अपने तीन मंजिला मकान में नकली शराब बनवाता था । जिसके बाद वर्ष 2018 में मुकदमा दर्ज हुआ था । साथ ही राजेश, उसके पिता मोतीचंद, भाई जयहिंद के खिलाफ गैगस्टर की कार्यवाही हुई थी । 18 अगस्त 2020 को उसके तीन मंजिला मकान को जब्त कर ताला लगाकर सील किया था । वर्ष 2021 में DM कोर्ट में झूठा शपथ पत्र देेने के आरोप में राजेश को धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा गया था । जेल से छूटने के बाद करीब एक साल पहले उसने जब्त मकान का ताला जबरन तोड़ दिया और मकान में रहने लगा । इस बीच दो माह से मकान में निर्माण होता देख जब स्थानीय पुलिस जांच करने पहुंची तो उसने बताया कि उसके पास कमिश्नर कोर्ट का आदेश है । दो महीने से वह पुलिस को कागजात नहीं दिखा रहा था । इधर एक तारिख से उसने ग्यारह माह का एग्रीमेंट कर एक प्राइवेट कंपनी जो गैस पाइप लाइन का काम कर रही है उसे किराए पर दे दिया । तभी से कंपनी ने उस मकान में अपने करीब 80 कर्मचारियों को रखा था और अपना आफिस बना रखा था । कंपनी से राजेश ने अपने खाते में एडवांस भी लिया है । अब मामला सामने आने के बाद कंपनी मकान खाली कर रही है ।
उधर SP सिटी ने बताया कि राजेश के उस खाते को भी सीज किया जाएगा जिसमें उसने कंपनी से पैसे मंगाए हैं । पुलिस ने इस मामले में हल्का नंबर तीन के दरोगा रिजवान अहमद की तहरीर पर राजेश व उसके पिता मोतीचंद पर DM कोर्ट के आदेश की अवहेलता करने, जालसाजी, बिना अनुमति गृअितिचार, सार्वजनिक संपत्ति नुकसान अधिनियम के के तहत केस दर्ज किया है । SP सिटी ने बताया कि राजेश पर कुल 14 मुकदमे व उसके पिता पर तीन मुकदमे दर्ज हैं । वहीं पुलिस राजेश की हिस्ट्रीशीट भी खोलने की तैयारी कर रही है ।
जिला क्राइम ब्यूरो चीफ गोरखपुर बाबूलाल सक्सेना की रिपोर्ट