उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम लि०, सेतु निर्माण इकाई गोरखपुर के लोक सूचनाधिकारी ने की न्यायिक अवमानना !
“राष्ट्रीय सूचनाधिकार, मानवाधिकार एवं पर्यावरण सरंक्षण संगठन” लेगा नैनीताल हाई कोर्ट की शरण !
उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम लि०, सेतु निर्माण इकाई गोरखपुर के लोक सूचनाधिकारी ने की न्यायिक अवमानना ! “राष्ट्रीय सूचनाधिकार, मानवाधिकार एवं पर्यावरण सरंक्षण संगठन” लेगा नैनीताल हाई कोर्ट की शरण !
Prev 1 of 0 Nextउत्तराखण्ड : खास खबर
25 दिसम्बर 2022 : “राष्ट्रीय सूचनाधिकार, मानवाधिकार एवं पर्यावरण सरंक्षण संगठन” की संस्थापक सुश्री आस्था माथुर जी ने उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम लि०, सेतु निर्माण इकाई गोरखपुर के कार्यालय में व्याप्त अनियमितताएं / भ्रष्टाचार को उजागर करने हेतु एक जनसूचना आवेदन (RTI) प्रेषित किया था ।
इस कथित अनियमितता की जानकारी “राष्ट्रीय सूचनाधिकार, मानवाधिकार एवं पर्यावरण सरंक्षण संगठन” की संस्थापक सुश्री आस्था माथुर जी को जब हुई तो उन्होंने इस भ्रष्टाचार को उजागर करने तथा सरकार के शासनदेशो का उल्लंघन रोकने के लिए एक जनसूचना आवेदन पत्र लोक सूचनाधिकारी, उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम लि०, सेतु निर्माण इकाई गोरखपुर, को भेजा किन्तु लोक सूचनाधिकारी के कार्यालय में भी गोपनीयता का अभाव हैं, उनके कार्यालय से सुश्री आस्था माथुर जी की भेजी गई RTI सार्वजनिक हो गई, उपरोक्त RTI का सम्बन्ध श्री शैलेन्द्र सिंह पुत्र श्री सबालिया सिंह, खलासी से था ।
“स्वर विद्रोह टाइम्स” ने जब इस बारे में सुश्री आस्था माथुर जी से वार्ता की तो उन्होंने बताया कि माननीय उच्चतम न्यायालय, भारत एवं माननीय उच्च न्यायालय कोलकत्ता में दायर रिट याचिका संख्या – WP33290 (W) of 2013 श्री अविषेक गोयनका वनाम यूनियन ऑफ इंडिया में पारित निर्णय दिनांक – 20.11.2013 का जनसूचना आवेदकों के सम्बन्ध में दी गई व्यवस्था का पालन उनके प्रश्नगत RTI में नहीं किया गया, साथ ही शासनादेश संख्या – (महत्वपूर्ण) मुoसo10/43/-2-2014 लखनऊ दिनांक – 17 फरवरी 2014 जो श्रीमान मुख्य सचिव महोदय उत्तर प्रदेश द्वारा जारी किया गया है, का भी पालन नहीं किया गया है ।
उपरोक्त संदर्भित न्यायिक आदेश व शासनादेश में यह कहा गया की – “जिस व्यक्ति विशेष से सम्बंधित जनसूचना आवेदन किया गया, उसे जनसूचना आवेदक के नाम, पते की जानकारी अथवा व्यक्तिगत जानकारी नहीं दी जाएगी / साझा नहीं की जाएगी”
परन्तु लोक सूचनाधिकारी, उ० प्र० राज्य सेतु निगम लि०, सेतु निर्माण इकाई गोरखपुर ने सुश्री आस्था माथुर जी RTI एक्टिविस्ट का विवरण श्री शैलेन्द्र सिंह को उपलब्ध कराया गया, यह कार्य माननीय उच्चतम न्यायालय और कोलकत्ता उच्च न्यायालय के द्वारा पारित आदेशों का पालन न कर स्पष्ट रूप से न्यायिक अवमानना की गई है, और उपरोक्त वर्णित शासनादेश का उल्लंघन किया गया है ।
“राष्ट्रीय सूचनाधिकार, मानवाधिकार एवं पर्यावरण सरंक्षण संगठन” एक जागरूक, निर्भीक, निष्पक्ष संस्था है जो किसी भी तरह की सरकारी अनियमितता, भ्रष्टाचार के विरुद्ध अलख जगाता है ।
इस सम्बन्ध में शिकायत दर्ज कराई गई है सुश्री आस्था माथुर जी की तरफ से ।
“स्वर विद्रोह टाइम्स” ने जब इस न्यायिक अवमानना और सेतु निगम में हो रही अनियमितता के सम्बन्ध में वार्ता करनी चाही तो उनका फोन नहीं उठा ।
अब देखना यह हैं कि सुश्री आस्था माथुर जी को अपनी RTI पर श्री शैलेन्द्र सिंह की सूचनाएं प्राप्त होगी या सेतु निगम इनका बचाव करते हुए खुद न्यायिक अवमानना का सामना करेंगे फिलहाल यह बात अभी भविष्य पर छोड़ते है ।
परन्तु इस पूरे प्रकरण में अत्यंत मजेदार तथ्य यह है कि उपरोक्त श्री शैलेन्द्र सिंह ने अपने बचाव में तथा अधिकारियो को प्रभावित करने की गरज से एक फर्जी प्रदेश अध्यक्ष श्री पवन रघुवंशी नाम के व्यक्ति से जो अपने आप को प्रदेश अध्यक्ष (युवा मोर्चा) बताते है से भारतीय किसान यूनियन (भानू) के लैटर हैड पर उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री तथा अन्य सरकारी कार्यालय में अपना प्रभाव जताने के लिए जनसूचना आवेदक के विरुद्ध पत्राचार कराया, जिसे सुश्री आस्था माथुर जी ने अपने विरुद्ध आपराधिक षड़यंत्र / धमकी तथा मानसिक दबाव बनाने के रूप में प्रकरण में समस्त शामिल व्यक्तियों के विरुद्ध कार्यवाही कराये जाने के लिए पुलिस विभाग को भी पत्र प्रेषित किया गया है ।
जिला ब्यूरो चीफ बलिया अजय गुप्ता की रिपोर्ट