नई दिल्ली : स्पेशल डेस्क
03 जनवरी 2023 : अब ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म्स (ई-कॉमर्स साइट्स) पर सस्ता सामान मिलने का एक नया रास्ता खुल गया है । शनिवार को जीएसटी परिषद की 48 वीं बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में छोटे व्यापारियों की 2 साल पुरानी एक मांग को मंजूरी दे दी गई ।
आपको बता दें कि माल एवं सेवाकर से जुड़े मामलों पर आखिरी फैसला GST परिषद लेती है । केंद्रीय वित्त मंत्री इसके अध्यक्ष तथा सभी राज्यों के वित्त मंत्री या उनके प्रतिनिधि इसके सदस्य होते हैं । देश में ई-कॉमर्स के बढ़ते चलन को देखते हुए छोटे व्यापारी लंबे समय से जीएसटी में गैर-पंजीकृत व्यापारियों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर बिजनेस करने की अनुमति देने की मांग कर रहे थे । GST परिषद ने अपनी पिछली बैठक में इस पर सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी । शनिवार को हुई बैठक में इस पर अंतिम मुहर लगा दी गई है । इसके लिए जीएसटी कानून और नियमों में अनुकूल संशोधनों से जुड़े नोटिफिकेशन जल्द ही जारी किए जाएंगे । इस पूरी व्यवस्था को अगले साल 1 अक्टूबर तक लागू किया जा सकता है ।
छोटे व्यापारियों के अखिल भारतीय संगठन (सीएआईटी) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने जीएसटी परिषद के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि यह निर्णय छोटे व्यापारियों को ई-कॉमर्स के माध्यम से अपने व्यवसाय का विस्तार करने में सशक्त बनाएगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया विजन को मजबूत करने में अपना अहम योगदान देगा ।
उन्होंने कहा कि देश में लगभग 8 करोड़ छोटे व्यापारी हैं, लेकिन बड़ी संख्या में व्यापारी जीएसटी पंजीकरण के बिना व्यावसायिक गतिविधियों को चलाते हैं । इसकी एक वजह उनकी वार्षिक बिक्री जीएसटी सीमा से बेहद कम होना है । ऐसे व्यापारी अब ई-कॉमर्स पर व्यापार कर सकेंगे जो उनके लिए बड़ी राहत की बात होगी ।
बता दें कि मौजूदा समय में भारत तेजी से ई-कॉमर्स हब के रूप में उभर रहा है । ई-कॉमर्स व्यवसाय अब देश के कुल रिटेल सेक्टर का लगभग 10 प्रतिशत है । जबकि वस्त्र और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे सेक्टर्स में ये 25-50 प्रतिशत तक हिस्सेदारी रखता है । ऐसे में जीएसटी काउंसिल के इस फैसले से इस सेगमेंट में प्रतिस्पर्धा और बढ़ेगी जिसका फायदा उपभोक्ता को होगा और उसे सस्ता सामान मिलेगा ।