न्याय पाने को दर-दर भटक रहा है दलित समुदाय का पीड़ित व्यक्ति
उत्तर प्रदेश : कानपुर
23 फरवरी 2022 : कानपुर निवासी चन्द्रशेखर जो कि दलित समुदाय का कम-पढ़ा लिखा आदमी है तथा गुलशन मैरिज हॉल में चौकीदारी का काम 5200/- रूपये से सन 1996 से कर रहा हैं, उक्त व्यक्ति को रहने के लिए एक कमरा गुलशन मैरिज हॉल में ही इंतजामिया ने दिया है जिसमे यह अपने बच्चों, पत्नि के साथ रहता है ।
अंजुमन यतीमखाना के डॉ फिरोज आलम पूर्व महामंत्री, अख्तर हुसैन वर्तमान महामंत्री से जब भी चन्द्रशेखर अपनी तनख्वाह का पैसा मांगता है तो यह वेतन के पैसे न देकर मखौल करते हुए जातिसूचक शब्दों से अपमानित करते है, जिसका एक मुकदमा थाना चमनगंज, कानपुर में दर्ज किया गया था, जिसमें विवेचना के दौरान पर्याप्त साक्षय पाये जाने पर पुलिस विभाग द्धारा आरोप पत्र माननीय न्यायलय मे प्रेषित किया गया प्रकरण अब विचाराधीन माननीय न्यायलय है । चन्द्रशेखर ने बताया कि आरोप पत्र माननीय न्यायलय मे आया है तब से डॉ फिरोज आलम, अख्तर हुसैन और कमेटी के अन्य सदस्य मुझ पर मुकदमा वापस लेने के लिए दबाव बना रहे है और जान से मारने कि धमकिया दे रहे है |
इसी क्रम मे अग्रिम जमानत की याचिका दायर की गयी जो दिनाँक – 30-07-2021 को माननीय उच्च न्यायलय इलाहाबाद ने ख़ारिज कर दिया इसके बाद पुन: यह लोग FIR ख़ारिज कराने के लिए याचिका दायर की जो माननीय उच्च न्यायलय इलाहाबाद ने दिनाँक – 19.08.2021 को रद्द कर दिया । माननीय विशेष न्यायलय SC /ST कानपुर द्धारा भेजे जा रहे सम्मन पर डॉ फिरोज आलम, अख्तर हुसैन न्यायलय मे हाजिर न होकर, न्याय से वंचित करने के लिए तीसरी बार माननीय उच्च न्यायलय इलाहाबाद मे दिनाँक – 11-01-2022 को याचिका, आरोप पत्र को रद्द करने, जमानत का आदेश देने से संबन्धित दायर की गयी थी जिसे माननीय उच्च न्यायलय इलाहाबाद ने एहतिहासिक फैसला देते हुए दिनाक 17-02-2022 याचिका को रद्द कर दिया ।
अब देखना यह है कि वादी चन्द्रशेखर को कब न्याय मिलता है ।