फर्जी शिक्षकों पर फिर कसेगा शिकंजा, STF ने मांगे अभिलेख !
फर्जी शिक्षकों की अटकी जांच, बेसिक शिक्षा विभाग नहीं दे रहा है STF को दस्तावेज !
एसटीएफ ने स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक के डीजी को लिखा पत्र !
28 जिलों में तैनात शिक्षकों की नियुक्ति से संबंधित दस्तावेज देने में आनाकानी !
प्रयागराज, प्रतापगढ़ व कौशाम्बी समेत इन जिलों के मांगे दस्तावेज !
देवरिया, मथुरा, बलिया, संतकबीरनगर, प्रतापगढ़, जौनपुर, गोरखपुर, कुशीनगर, महराजगंज, सुल्तानपुर, बस्ती, हमीरपुर, उन्नाव, गोंडा, बलरामपुर, आगरा, अलीगढ़, एटा, प्रयागराज, कौशाम्बी, मुरादाबाद, लखनऊ, रायबरेली, अंबेडकरनगर, सोनभद्र, गाजीपुर, बदायूं व ललितपुर ।
उत्तर प्रदेश : SVT लखनऊ
16 अगस्त 2023 : फर्जी शिक्षकों की अटकी जांच फिर तेज होगी । विशेष टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेख मांगे हैं । एसटीएफ गोपनीय शिकायत पर दस्तावेजों की जांच कर रही है । पिछले दिनों एसटीएफ के जानकारी मांगने पर कई जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने अपठनीय शैक्षणिक दस्तावेज भेज दिया था । आशंका जताई गई है कि यदि दस्तावेज देने में देरी हुई तो उनसे छेड़छाड़ की जा सकती है ।
विशेष टास्क फोर्स के अपर पुलिस अधीक्षक सत्यसेन यादव ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा और राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा को पत्र लिखकर दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेशित करने को कहा है ।
एसटीएफ ने यह भी अनुरोध किया है कि संबंधित जिलों के शिक्षकों की नियुक्ति व अन्य निवास, जाति प्रमाण पत्र, दिव्यांगता दस्तावेजों की पठनीय प्रति ही उपलब्ध कराई जाए । इसके साथ मूल प्रमाण पत्र आदि को सत्यापित कराकर विशेष वाहक के जरिये एसटीएफ मुख्यालय में भेजें ।
बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी तरीके से नियुक्ति शिक्षकों के खिलाफ एसटीएफ की गोपनीय जांच अटक गई है । इन शिक्षकों की नियुक्ति से संबंधित दस्तावेज देने में विभाग आनाकानी कर रहा है । इसकी बजाय एसटीएफ को शिक्षकों के शैक्षणिक दस्तावेज की प्रतियां देकर टरकाया जा रहा है । एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक सत्यसेन यादव ने डीजी स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा को पत्र लिखकर दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए समस्त बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश देने को कहा है ।
28 जिलों में तैनात 235 शिक्षकों की नियुक्ति और शैक्षणिक योग्यता से संबंधित दस्तावेज मांगे थे । इसमें सर्वाधिक 92 शिक्षक देवरिया के हैं । एसटीएफ द्वारा जानकारी मांगने पर कई जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने केवल अपठनीय शैक्षणिक दस्तावेज देकर अपना पल्ला झाड़ लिया । एसटीएफ ने आशंका जताई है कि इसमें देरी करने पर दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ हो सकती है ।
एसटीएफ ने डीजी से अनुरोध किया है कि संबंधित जिलों के शिक्षकों की नियुक्ति और शैक्षिक दस्तावेजों की पठनीय प्रति उपलब्ध कराई जाए । साथ ही मूल निवास, जाति प्रमाण पत्र, दिव्यांगता प्रमाण पत्र आदि को सत्यापित कराकर एसटीएफ मुख्यालय को विशेष वाहक के जरिए भेजना सुनिश्चित कराया जाए ।
37 शिक्षक अब तक हुए गिरफ्तार !
बता दें कि प्रदेश में वर्ष 2017 से फर्जी तरीके से नियुक्त शिक्षकों की गोपनीय जांच एसटीएफ कर रही है । अब तक 37 फर्जी शिक्षकों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है । वर्ष 2020-21 में कुल 105 फर्जी शिक्षकों को चिन्हित कर संबंधित जिलों के बीएसए के माध्यम से कानूनी कार्यवाही की गई है । एसटीएफ अब तक कुल 149 मामलों में 318 फर्जी शिक्षकों पर कार्यवाही कर चुकी है ।
50 हजार फर्जी शिक्षक होने की अनुमान !
एसटीएफ के अधिकारियों के मुताबिक पूरे प्रदेश में तकरीबन 50 हजार फर्जी शिक्षकों के कार्यरत होने का अनुमान है । दरअसल, शिक्षक भर्ती परीक्षाओं में मुन्ना भाइयों की सक्रियता, नियुक्ति के समय फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अपात्रों का चयन करने के तमाम मामले सामने आ चुके हैं । ऐसे शिक्षक लगातार राज्य सरकार से वेतन भी ले रहे हैं ।
अधिकारियों की भी मिलीभगत !
शिक्षा विभाग के अधिकारियों की हीलाहवाली की वजह से इनकी धरपकड़ का अभियान सुस्त पड़ता जा रहा है । दरअसल एसटीएफ की जांच में कई जिलों के बीएसए और शिक्षा विभाग में कार्यरत कर्मचारियों की संलिप्तता के प्रमाण भी हाथ लगे थे । इनके खिलाफ एसटीएफ ने कार्रवाई करने के लिए कई बार पत्र भी लिखा । हालांकि कार्यवाही करना तो दूर, एसटीएफ को अब दस्तावेज देने में अधिकारी टालमटोल कर रहे हैं ।
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