त्रियुगीनारायण मन्दिर जहां भगवान शिव और मां पार्वती का हुआ था विवाह !
उत्तराखंड का त्रियुगी नारायण मंदिर जहां लोग करते हैं हिन्दू रीती – रिवाज से विवाह, कभी शिव-पार्वती ने लिए थे इस मन्दिर में फेरे !
उत्तराखण्ड : SVT रुद्रप्रयाग
03 फरवरी 2024 : भावनाए मान्यता और धार्मिक आस्था का केन्द्र है उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग के पास स्थित त्रियुगी नारायण मंदिर कहा जाता है कि इस स्थान पर ही भगवान श्री विष्णु ने ही शिव-पार्वती का विवाह करवाया था । श्री विष्णु ने इस दिव्य विवाह में माता पार्वती के भ्राता का कर्तव्य निभाया था, जबकि ब्रह्मा जी इस विवाह यज्ञ के आचार्य बने थे।खास बात ये है कि त्रियुगी नारायण मंदिर में अब काफी लोग विवाह करने के लिए पहुंचते हैं ।
त्रियुगी नारायण मंदिर, केदारनाथ के मंदिर की स्थापत्य शैली से मिलता-जुलता है इसलिए भी यह भक्तों को बहुत आकर्षित करता है ।
देवभूमि उत्तराखंड में ऋषिकेश और हरिद्वार समेत ऐसी कई जगहें हैं, जहां दूर-दूर से लोग घूमने आते हैं, देवभूमि में बद्रीनाथ और केदारनाथ जैसे बड़े धाम तो हैं ही, लेकिन उत्तराखंड में एक ऐसा मंदिर भी है, जहां खासतौर पर लोग शादी करने आते हैं, इस मंदिर का नाम है त्रियुगी नारायण मंदिर, जिसे शिव-पार्वती के विवाह स्थल के रूप में जाना जाता है, यह मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है ।
स्थानीय भाषा में लोग इसे त्रिजुगी नारायण के नाम से पुकारते हैं, इस मंदिर में वर्षो से अग्नि कुंड में अग्नि प्रजव्लित है, जिसके चलते इसे अखंड धुनी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, मंदिर प्रांगण में सरस्वती कुंड, रुद्र कुंड, विष्णु कुंड और ब्रह्म कुण्ड स्थित हैं, जिनका अलग – अलग धार्मिक महत्व है ।
शिव पार्वती ने लिए थे फेरे !
त्रियुगी नारायण मंदिर को लेकर धार्मिक आस्था है कि यहां भगवान विष्णु ने ही शिव-पार्वती का विवाह करवाया था, यह जगह शिव-पार्वती विवाह स्थल के रूप में ज्यादा प्रचलित है, बरसों से जल रहे अग्निकुंड को लेकर कहा जाता है कि ये वही अग्नि है, जिसके फेरे शिव-पार्वती ने लिए थे । आज भी उनके फेरों की अग्नि धुनि के रूप में जागृत है । यहां विवाह में आए अन्य देवी-देवताओं ने स्नान किया था ।
मंदिर आने वाले भक्त यहां भेंट में लकड़ियां अर्पित करते हैं तथा जाते समय मंदिर से अखंड धुनी की राख प्रसाद के रूप में घर ले जाते हैं ।
त्रियुगीनारायण मंदिर (संस्कृत: त्रियुगी-नारायण) उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के त्रियुगीनारायण गांव में स्थित एक हिंदू मंदिर है। यह प्राचीन मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है । भगवान नारायण भूदेवी तथा लक्ष्मी देवी के साथ विराजमान हैं । इस इस स्थान पर विष्णु भगवान् द्धारा देवी पार्वती के शिव से विवाह के स्थल के रूप में श्रेय दिया जाता है और इस प्रकार यह एक लोकप्रिय हिन्दू तीर्थस्थल है ।
कैसे पहुंचे मंदिर !
देश भर से रुद्रप्रयाग पहुंचने के लिए कई साधन आसानी से मिल सकते हैं, रुद्रप्रयाग से सोनप्रयाग पहुंचना होगा, अगसत्यमुनि से गुप्तकाशी की फिर सोनप्रयाग आता है, यहां से त्रियुगी नारायण मंदिर आसानी से पहुंचा जा सकता हैं ।
इस समय सर्दी के मौसम और बर्फवारी की बजह से मन्दिर सफ़ेद बर्फ से ढका हुआ प्रतीत होता है ।
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