अलीगढ़ इस्कॉन मंदिर द्धारा रामघाट रोड पर निकाली जाएगी भव्य रथयात्रा
उत्तर प्रदेश : अलीगढ़
30 मार्च 2022 : अलीगढ़ महानगर में रहने वाले श्री राधा कृष्ण के प्रेमियों के लिए इस्कॉन गीता ज्ञान मंदिर, हरदुआगंज द्धारा दिनाँक – 03 अप्रैल 2022 दिन रविवार दोपहर 03 बजे से श्री श्री गौर-निताई की रथयात्रा निकाली जाएगी ।
यह रथयात्रा हरिनाम संकीर्तन एवं प्रसाद वितरण करते हुए, SMB इण्टर कॉलेज, रामघाट रोड से प्रारम्भ होकर बृज वाटिका निकट ग्रेट वैल्यू मॉल, रामघाट रोड तक जाएगी ।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में इस्कॉन के संस्थापकाचार्य कृष्णकृपामूर्ति श्री श्रीमद ए. सी. भक्तिवेदांत स्वामी श्रील प्रभुपाद जी के शिष्य श्रीमान क्रतु दास अधिकारी जी वृंदावन से आएंगे ।
आखिर कौन है श्री श्री गौर निताई ?
गौर – चैतन्य महाप्रभु वैष्णव धर्म के भक्तियोग के परम प्रचारक हैं । इन्होंने वैष्णवों के गौड़ीय संप्रदाय की आधारशिला रखी, भजन गायकी की एक नयी शैली को जन्म दिया तथा राजनैतिक अस्थिरता के दिनों में हिंदू – मुस्लिम एकता की सद्भावना को बल दिया, जाति-पांत, ऊंच – नीच की भावना को दूर करने की शिक्षा दी तथा विलुप्त वृंदावन को फिर से बसाया और अपने जीवन का अंतिम भाग वहीं व्यतीत किया । उनके द्धारा प्रारंभ किए गए हरे कृष्ण महामंत्र “हरे – कृष्ण हरे – कृष्ण, कृष्ण – कृष्ण हरे – हरे ! हरे – राम हरे – राम, राम – राम हरे – हरे !” नाम संकीर्तन का अत्यंत व्यापक व सकारात्मक प्रभाव आज पश्चिमी जगत तक में है । यह भी कहा जाता है, कि यदि गौरांग ना होते तो वृंदावन आज तक एक मिथक ही होता । वैष्णव लोग तो इन्हें श्रीकृष्ण और श्रीमती राधारानी जी का युगल अवतार मानते हैं । यद्यपि बाल्यावस्था में इनका नाम विश्वंभर था, परंतु सभी इन्हें निमाई कहकर पुकारते थे, क्योंकि कहते हैं, कि ये नीम के पेड़ के नीचे मिले थे । गौरवर्ण का होने के कारण लोग इन्हें गौरांग, गौर हरि, गौर सुंदर आदि भी कहते थे ।
निताई – नित्यानंद प्रभु बलराम जी के अवतार माने जाते हैं । बाल्यकाल में यह अन्य बालकों को लेकर कृष्णलीला तथा रामलीला किया करते थे और स्वयं सब बालकों को कुल भूमिका बतलाते थे । इससे सभा को आश्चर्य होता था कि इस बालक ने यह सारी कथा कैसे जानी । विद्याध्ययन में भी यह अति तीव्र थे और इन्हें ‘न्यायचूड़ामणि’ की पदवी मिली । नित्यानंद प्रभु ने चैतन्य महाप्रभु के भक्ति आंदोलन को तीव्र गति प्रदान करने में अतुलनीय योगदान दिया ।
सभी अलीगढ़ महानगर के भक्तों से अनुरोध है कि अधिक से अधिक संख्या में इस रथयात्रा में भाग लेकर कृष्ण भावनामृत का लाभ उठाए और अपने जीवन को धन्य बनाएं ।