चोपन में रेलवे विभाग के कारण नगर वासियों में मचा हड़कंप ! भाजपा नेता और राजस्व विभाग समाधान ढूंढने में जुटे !
चोपन में रेलवे विभाग के कारण नगर वासियों में मचा हड़कंप ! भाजपा नेता और राजस्व विभाग समाधान ढूंढने में जुटे !
उत्तर प्रदेश : सोनभद्र चोपन
16 अप्रैल 2022 : अतिक्रमण के खिलाफ नोटिस मिलने की कार्यवाही किये जाने को लेकर चोपन में रेलवे विभाग के खिलाफ लोगों में हड़कंप मच गया रेलवे विभाग लगातार अतिक्रमण हटाने का अपना प्रयास कर रहा है । शुक्रवार को जैसे ही विभाग के द्धारा लोगों को नोटिस दिया गया नोटिस मिलते ही जिस तरह से चोपन में सुबह से माहौल काफी गंभीर नजर आने लगा, लोगों का आक्रोश देखते हुए राजस्व विभाग के अधिकारी समेत स्थानीय थाना पुलिस और भाजपा नेता रेलवे के अधिकारी से वार्ता कर आक्रोश को खत्म करने की कोशिशों में जुट गये ।
बताया जा रहा है कि जिस तरह से गुरुवार की शाम रेलवे विभाग लोगों को अपनी जमीन खाली किये जाने के लिए मुनादी कराई उससे लोगों की नींद ही उड़ गई । लोग सुबह से ही सड़कों पर निकल कर समाधान ढूंढने में जुटे हुए हैं ।
बड़ा सवाल यह है कि बाजार की जमीन हो या फिर प्रीतनगर की जमीन, जिसे रेलवे विभाग वर्षों बाद अपना बता रहा है उसके पास भी कोई मजबूत आधार या दलील नहीं है । जबकि स्थानीय लोगों का कहना है कि उनके पास मौजूद दस्तावेजों को रेलवे मानने को तैयार नहीं और रेलवे के पास कोई साक्ष्य नहीं है । लेकिन जबरन फोर्स के बल पर तानाशाही रवैया अपनाया जा रहा है ।
राजस्व विभाग के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि रेलवे विभाग को बुलडोजर चलवाने से रोकना, क्योंकि सीएम योगी ने साफ कहा था कि किसी भी गरीब के घर पर बुलडोजर नहीं चलना चाहिए । जबकि रेलवे को इससे कोई मतलब नहीं ।
सवाल तो यह भी खड़ा हो रहा है कि वर्षों बाद रेलवे उक्त जमीन को अपना क्यों बताने में लगी है । जब लोग उक्त जमीन पर अपना आशियाना बना रहे थे तो उस समय क्यों नहीं रोका गया । एसडीएम भी इस विवादित भूमि को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं । यदि किसी जमीन की वजह से लॉ एंड ऑर्डर प्रभावित हो रहा है तो उसका स्थायी समाधान निकालने की जरूरत है न कि उसे टालने की ।
मामले आक्रोशित देख स्थानीय भाजपा नेता भी सुबह से रेलवे की कार्यवाही को टालने के प्रयास में जुटे हुए थे । आखिकार नेताओं ने राजस्व विभाग व रेलवे के सामने पुनः नई सीमांकन नापी किये जाने का प्रस्ताव रखा, जिसे मान लिया गया और यह निर्णय लिया गया कि जब तक सीमांकन की नाप नहीं हो जाती तब तक किसी को नोटिस जारी नहीं किया जाएगा ।
नगर ब्यूरो चीफ ओबरा राजू जायसवाल की रिपोर्ट