एटरनल जीनियस वन संस्था ने युवाओं को हिन्दू हृदय सम्राट महाराणा प्रताप के आदर्शों पर चलने के लिए किया प्रेरित !
एटरनल जीनियस वन संस्था ने युवाओं को हिन्दू हृदय सम्राट महाराणा प्रताप के आदर्शों पर चलने के लिए किया प्रेरित !
उत्तर प्रदेश : अलीगढ़
11 मई 2022 : भारत के वीर सपूत, महान सनातनी योद्धा, अद्भुत शौर्य व अदम्य साहस के प्रतीक मेवाड़ी राजा महाराणा प्रताप की जन्म जयंती के अवसर पर एटरनल जीनियस वन संस्था की ओर से युवाओं को महाराणा प्रताप के आदर्शों पर चलने को प्रेरित करने के लिए दुबे का पड़ाव, अलीगढ़ स्थित सुपर सेंचुरी एकेडमी पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में महाराणा प्रताप जी के जीवन से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई जिसमें बहुत से युवाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया ।
कार्यक्रम के आयोजक “डबल ए ब्रदर्स” कृष्णभक्त अभिषेक सक्सैना एवं आशु सिंघल ने महाराणा प्रताप जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि महाराणा प्रताप ने जीवन भर अन्याय और अधर्म के खिलाफ आवाज उठाई, इसका विनाश करना संपूर्ण मानव जाति का परम कर्तव्य है । संपूर्ण सृष्टि के कल्याण के लिए कार्य करें क्योंकि संपूर्ण सृष्टि के कल्याण के लिए कार्य करने वाले मनुष्य को युग युगांतर तक याद रखा जाता है । महाराणा प्रताप जी ने सिखाया कि मनुष्य का गौरव और आत्मसम्मान उसकी सबसे बड़ी कमाई होती है इसलिए सदा इनकी रक्षा करनी चाहिए । समय एक ताकतवर और साहसी को ही अपनी विरासत देता है इसलिए अपने रास्ते पर अडिग रहो । नित्य, अपने लक्ष्य, परिश्रम और आत्मशक्ति को याद करने पर सफलता का मार्ग स्वयं सरल हो जाता है ।
संस्था के चैयरमैन डॉक्टर मनोज कुमार यादव ने बताया कि यदि महाराणा प्रताप ना होते तो आज हम भी सुरक्षित नहीं होते क्यूंकि महाराणा प्रताप एक ऐसे महावीर योद्धा थे जिन्होंने अपने सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया। मुगल शासक अकबर ने महाराणा प्रताप को झुकाने और अपनी अधीनता स्वीकार कराने के लिए क्या कुछ नहीं किया, यहां तक कि केवल मेवाड़ के राज्य के बदले आधा हिन्दुस्तान उनके नाम करने का लालच भी दिया लेकिन महाराणा ने संघर्षों से भरा जीवन चुन लिया परंतु अकबर की गुलामी कभी स्वीकार नहीं की ।
उन्होंने बताया कि महाराणा प्रताप के अद्भुत शौर्य से अकबर इतना घबराता था कि उसने अपने सभी सैनिकों को मना किया हुआ था कि उसके सोते समय गलती से भी कोई महाराणा प्रताप का नाम ना लें । महाराणा प्रताप के डर से अकबर अपनी राजधानी लाहौर लेकर चला गया और महाराणा के स्वर्ग सिधारने के बाद आगरा ले आया ।
“एक सच्चे शूरवीर, देशभक्त, योद्धा, मातृभूमि के रखवाले के रूप में हिन्दू हृदय शिरोमणि महाराणा प्रताप दुनिया में सदैव के लिए अमर हो गए ।
कार्यक्रम को सफल बनाने में अग्नेश यादव की महत्वपूर्ण भूमिका रही। कार्यक्रम के अवसर पर भूमिका यादव, निशा माहौर, संजीदा, पूनम, पंकज, हेमलता, शाहरुख, शेखर, संदीप, वसीम, राजीव, विष्णु, शिवानी सक्सैना, अजय माथुर आदि उपस्थित रहे ।