लेखपाल ले रहा था रुपये, दर्ज कराया गया मुकदमा !
उत्तर प्रदेश : गोरखपुर
13 मई 2022 :
जिलाधिकारी गोरखपुर के भ्रष्टाचार मुक्ति व जनहित सर्वोच्च प्राथमिकता को नजरअंदाज कर रहा है लेखपाल, पैमाइश करने के लिए 16000 रुपये लेते हुए एक वायरल वीडियो में दिखाई दे रहा लेखपाल !
जिलाधिकारी विजय किरन आनंद के निर्देश पर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट / उप जिलाधिकारी सदर द्धारा हल्का नं 65 के लेखपाल प्रवीण कुमार शाही की मिल रही शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए कार्यवाही की गई, जिसमें भूमि पैमाइश हेतु हल्का लेखपाल प्रवीण कुमार शाही द्धारा आवेदक से रूपये की मांग की जा रही थी तथा कराये गये वीडिओ मे 16,000 / – रूपये आवेदक से प्राप्त करते हुए नजर आ रहा है, शेष पैसा देने पर पैमाइश करने की बात कर रहे है ।
उक्त वीडिओ के साथ समस्त विवरण ज्वाइंट मजिस्ट्रेट / उप जिलाधिकारी सदर कुलदीप मीना द्वारा ने अपनी एक रिपोर्ट को जिलाधिकारी विजय किरन आनंद को प्रस्तुत की।
रिपोर्ट के आधार पर जिला अधिकारी ने सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत अभियोग पंजीकृत करने का निर्देश दिया । जिलाधिकारी के निर्देश पर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट / उप जिलाधिकारी सदर द्धारा नायब तहसीलदार नगर को आरोपी लेखपाल प्रवीण कुमार शाही के विरूद्ध भारतीय दण्ड विधान व भ्रष्टाचार एक्ट के तहत अभियोग पंजीकृत कराने का निर्देश दिया नायब तहसीलदार नगर ने तत्परता दिखाते हुए कैंट थाने में आरोपी लेखपाल प्रवीण कुमार शाही के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया।
जिलाधिकारी द्वारा उपरोक्त मामलें में गहन छानबीन व उक्त प्रकरण में अन्य कौन – कौन से लोग लिप्त है उनके विरूद्ध कठोरतम कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये है ।
जिलाधिकारी द्वारा यह स्पष्ट निर्देश दिये गये है कि भ्रष्टाचार मुक्ति व जनहित सर्वोच्च प्राथमिकता है ।
भविष्य में भी यदि कोई भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाता है तो उसके विरूद्ध कठोरतम कार्यवाही की जायेगी ।
जिलाधिकारी के निर्देश पर पूर्व में भी उप निबन्धक कार्यालय , आर टी ओ कार्यालय व मुख्य चिकित्साधिकारी कर्यालय के कर्मियों के विरूद्ध कठोरतम अनुशानात्मक कार्यवाही करते हुए अभियोग पंजीकृत करा कर जेल भेजने का काम किया गया जनपद के समस्त विभागों में विभिन्न विभागों की खुफिया टीमें लगाई गई हैं अगर कोई अधिकारी कर्मचारी किसी भी फरियादी से पैसे लेते हुए पकड़ा जाता है तो उनके खिलाफ इसी तरह से कठोरतम कार्रवाई की जाएगी ।
जिला क्राइम ब्यूरो चीफ गोरखपुर बाबूलाल सक्सेना की रिपोर्ट