ओबरा तहसील में वकीलों ने विशेष सचिव के अमर्यादित टिप्पणी पर जताया खुलकर विरोध, सौंपा ज्ञापन !
उत्तर प्रदेश : सोनभद्र (ओबरा)
20 मई 2022 : उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के आह्वाहन पर प्रदेश सरकार के विशेष सचिव प्रफुल्ल कमल द्धारा अधिवक्ताओं पर की गई अमर्यादित टिप्पणी पर वकीलों ने शुक्रवार को ओबरा तहसील गेट पर सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए
विरोध – प्रदर्शन किया । साथ ही मुख्यमंत्री को संबोधित मांगों का ज्ञापन ओबरा एसडीएम / तहसीलदार सुनील कुमार को सौंपा । वकीलों के कार्य बहिष्कार की वजह से कोर्ट का कामकाज काफी प्रभावित रहा और वादकारी परेशान रहे ।
विरोध स्वरूप अधिवक्ता सोनाचंल बार एसोसिएशन एवं प्रदेश भर के अधिवक्ता साथी बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के आह्वाहन पर शुक्रवार को न्यायायिक / कार्यालयी कार्यो से पूर्ण रूप से कार्य बहिष्कार किया । सोनाचंल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश मिश्रा एडवोकेट ने कहा कि उत्तर प्रदेश के अधिवक्ताओ के विरुद्ध अपमानजनक एवम अमर्यादित पत्र लिखने के कारण प्रफुल्ल कमल विशेष सचिव उत्तर प्रदेश सरकार एवं अवनीश अवस्थी अपर मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश सरकार के विरुद्ध उत्तर प्रदेश सरकार दंडात्मक कार्यवाई करे, यह गैर जिम्मेदाराना पत्र लिखने के कारण उक्त दोनों अधिकारी अधिवक्ता समाज से लिखित माफी माँगे । उन्होने कहा की उत्तर प्रदेश सरकार इस बात का ध्यान रखे कि भविष्य में दोबारा उत्तर प्रदेश सरकार का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इस प्रकार पत्र लिखने की पुनरावृत्ति ना करें ।
वही सोनाचंल बार के चुनाव अधिकारी पुष्पराज पांडेय ने कहा कि प्रदेश सरकार विशेष सचिव एवं अपर मुख्य सचिव के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही अमल में लाए ताकि भविष्य में इसकी दुबारा पुनरावृत्ति न हो ।
सोनाचंल बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष रमा शंकर यादव ने कहा कि वकीलों के विरुद्ध अमर्यादित टिप्पणी निंदनीय है इसकी चाहे जितनी भी निंदा की जाए वह कम होगी ।
सोनाचंल बार के महामंत्री अनिल मिश्रा ने कहा कि आगे जो भी आदेश बार कौंसिल उत्तर प्रदेश का होगा हम न्याय के लिए लड़ते रहेंगे ।
विरोध प्रदर्शन करने वालो में कपूर चन्द्र पाण्डेय, धर्मेद्र सिंह, गजेन्दर यादव, मनोज पाठक, ईश्वर जायसवाल, अनुज, अनील राय, दिनेश दुबे, संजय, अमित,कमलेश यादव श्रीवास्तव, ब्रहम कुमार, सुनील चौबे, बुद्धि नरायन, ललन सिंह, हरेंद्र सिंह, मिथिलेश तिवारी आदि लोग शामिल रहे ।
नगर ब्यूरो चीफ ओबरा राजू जायसवाल की रिपोर्ट