Breaking News in Hindi
Header Banner
ब्रेकिंग
परचून की दुकान में शराब बेच रहे शराब तस्कर को पुलिस ने किया गिरफ्तार ! योगी सरकार का आदेश, अपनी तहसील में ही निवास करें उपजिलाधिकारी और तहसीलदार ! जल शक्ति मंत्री ने सरयू नदी किनारे हुए कटान रोधी कार्यों का किया निरीक्षण ! UDID कार्ड के लम्बित आवेदनों को शीघ्र निपटाएं : डीएम ब्रेक फेल होने से पंचम वाहिनी SSB की बस दुर्घटनाग्रस्त ! 19 जवान थे सवार जवान सुरक्षित ! राजेंद्र सिंह बिष्ट (रज्जी) देवभूमि उद्योग व्यापार मंडल महानगर हल्द्वानी के प्रभारी एवं कृष्ण कुमार ... लालकुआं पुलिस ने एक अवैध शराब के साथ एक व्यक्ति को किया गिरफ्तार ! मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बाटी रेड क्रॉस सोसाइटी की पुनर्वास राहत सामग्री ! DM की अध्यक्षता में हुआ सम्पूर्ण समाधान दिवस का आयोजन ! नाराज उपभोक्ताओं की बिजली कटौती की समस्या को लेकर प्रदर्शन के बाद प्रशासन अधिकारियों के साथ की मीटिं...

सुर्खियों में है इन दिनों सुरेश चंद्रा, सूचना आयुक्त ! RTI Act की धाराओं के विपरीत आदेश करने की वजह से भारत के अनेक RTI Activist कर रहे है सुरेश चंद्रा, सूचना आयुक्त के फैसले का संवैधानिक विरोध !

0 965

सुर्खियों में है इन दिनों सुरेश चंद्रा, सूचना आयुक्त !
RTI Act की धाराओं के विपरीत आदेश करने की वजह से
भारत के अनेक RTI Activist कर रहे है सुरेश चंद्रा, सूचना आयुक्त के फैसले का संवैधानिक विरोध !

राष्ट्रीय : विशेष खबर
15 जून 2022 : संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जे की सरकार की कोशिश ! बिना आवेदन जेटली के पूर्व सचिव को बनाया सूचना आयुक्त !

नीरज माथुर वनाम आर्यावर्त बैंक मामले में RTI Act की धाराओं के विपरीत आदेश करने की वजह से सुरेश चंद्रा, सूचना आयुक्त, केन्द्रीय सूचना आयोग, नई दिल्ली के विरुद्ध कार्यवाही किये जाने की मांग जोर पकड़ती जा रही हैं ।

RTI एक्टिविस्ट सुरेश चंद्रा, सूचना आयुक्त के विरुद्ध कार्यवाही के लिए महामहिम राष्ट्रपति महोदय, माननीय प्रधानमंत्री महोदय, DoPT सहित केन्द्र में बैठे आलाधिकारियों को ई-मेल और पंजीकृत पत्र भेज कर कार्यवाही की मांग करते हुए सूचना आयुक्त की चल – अचल सम्पत्ति सहित नियुक्ति फाइल भी अब RTI एक्टिविस्ट टटोल रहे है ।

बताते चले कि सुरेश चंद्रा कि बतौर सूचना आयुक्त नियुक्ति शुरू से ही विवादित रही है, अनेक RTI एक्टिविस्ट उनकी नियुक्ति अवैध और मनमाने तरीके से किया जाना बता रहे है ।

इस सम्बन्ध में नीरज माथुर से वार्ता की गई तो उन्होंने बताया कि इस विवादित सूचना आयुक्त के विरुद्ध उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली है, नीरज माथुर ने यह भी कहा कि उन्हें सूचना प्राप्त हो या न हो परन्तु वह इस मामले में नजीर अवश्य बनाएंगे जिससे सूचना आयुक्तों  के बेसबब फैसले पर रोक लग सके ।

नीरज माथुर ने कहा कि मनमानी व्याख्या और आर्बिट्रेरी आदेशों ने कमजोर किया हैं RT Act को !  सूचना प्राप्त करना हर नागरिक का अधिकार है, सूचना केवल RTI Act की धारा 08 और 09 के अनुसरण में ही रोकी जा सकती है, इसके अतिरिक्त अगर सूचना नहीं दिलाई जाती है तो यह संविधान की धारा 19 में उल्लेखित सूचना की गारंटी की मान्यता के खिलाफ है । 

सरकार ने जिन चार सूचना आयुक्तों की नियुक्ति की है, उनमें पूर्व विधि सचिव सुरेश चंद्रा का नाम भी शामिल है । खास बात ये है कि चंद्रा ने इस पद के लिए आवेदन ही नहीं किया था, साथ ही सुरेश चंद्रा चयन समिति के सदस्य वित्त मंत्री अरुण जेटली के निजी सचिव भी रहे हैं ।

केंद्रीय सूचना आयोग में लंबे समय से खाली पड़े पदों को भरने के लिए 20 दिसंबर 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में चयन समिति की हुई बैठक में चार लोगों को सूचना आयुक्त के पद पर नियुक्त करने की सिफारिश की गई थी ।

इसके बाद 01 जनवरी, 2019 को सूचना आयुक्त के पद पर नियुक्त होने वालों में पूर्व आईएफएस अधिकारी यशवर्द्धन कुमार सिन्हा, पूर्व आईएएस अधिकारी नीरज कुमार गुप्ता, पूर्व आईआरएस अधिकारी वनजा एन. सरना और पूर्व विधि सचिव सुरेश चंद्रा शामिल हैं  ।

लेकिन अब सुरेश चंद्रा की नियुक्ति को लेकर विवाद खड़ा हो गया है ।

आरोप है कि केंद्र सरकार ने आवेदन किए बगैर ही सूचना आयुक्त के पद पर पूर्व विधि सचिव सुरेश चंद्रा को नियुक्त किया है ।

मिली जानकारी के अनुसार कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) द्वारा वेबसाइट पर अपलोड की गई नियुक्ति की फाइलों से खुलासा हुआ है कि सुरेश चंद्रा ने इस पद के लिए आवेदन ही नहीं किया था और इसके बावजूद उन्हें इस पद पर नियुक्त किया गया है । नये नियुक्त चारों अधिकारी साल 2018 में ही रिटायर हुए हैं और इनमें शामिल सुरेश चंद्रा वित्त मंत्री अरुण जेटली के निजी सचिव रह चुके हैं और खास बात ये है कि अरुण जेटली चयन समिति के सदस्य भी थे ।

देश के RTI कार्यकर्ताओं ने सुरेश चंद्रा की केंद्रीय सूचना आयुक्त के रूप में नियुक्ति को सरकार की मनमानी करार दिया है । RTI कार्यकर्ताओं का कहना है कि खुद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा था कि सर्च कमेटी सूचना आयुक्त के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों में से ही योग्य लोगों को शॉर्टलिस्ट करेगी ।

ऐसे में अगर अपने मन से ही सरकार को नियुक्तियां करनी थी तो फिर आवेदन क्यों मंगाए गए और हलफनामा क्यों दिया गया ।

RTI एक्ट के तहत केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) सर्वोच्च अपीलीय संस्था है ।

डीओपीटी के मुताबिक सूचना आयुक्त के पद के लिए कुल 280 लोगों ने आवेदन किया था, लेकिन इस सूची में सुरेश चंद्रा का नाम शामिल ही नहीं है ।

सूचना आयुक्त के पद पर नियुक्ति के लिए 27 जुलाई 2018 को विज्ञापन जारी किये गए थे । इसके बाद आवेदन करने वालों में से योग्य उम्मीदवारों की नियुक्ति के लिए PM मोदी ने एक सर्च कमेटी बनाई थी । इस कमेटी में प्रधानमंत्री के साथ कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा, मुख्य सचिव पीके मिश्रा, डीओपीटी सचिव सी. चंद्रमौली समेत अन्य कई अधिकारी और भी थे । कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा को सर्च कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया था ।

इसके बाद योग्य उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए सर्च कमेटी की दो बैठकें 28 सितंबर 2018 और 24 नवंबर 2018 को हुई थी ।

24 नवंबर को हुई अंतिम बैठक में सर्च कमेटी ने 14 लोगों के नाम को अंतिम रूप से शॉर्टलिस्ट किया, जिसमें से 13 पूर्व नौकरशाह थे और केवल एक रिटायर्ड न्यायाधीश थे ।

इतना ही नहीं, समिति ने जिन 14 लोगों के नाम की सिफारिश की थी उसमें भी सुरेश चंद्रा का नाम आवेदनकर्ताओं में शामिल नहीं है ।

द हिंदू की एक खबर के अनुसार सुरेश चंद्रा ने खुद भी इस बात की पुष्टि की है कि उन्होंने इस पद के लिए आवेदन नहीं किया था ।

जबकि 27 अगस्त, 2018 को डीओपीटी ने खुद सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे में कहा था कि जिन लोगों ने पद के लिए आवेदन किया है, सर्च कमेटी उन्हीं में लोगों को शॉर्टलिस्ट करेगी ।

कहा जा रहा है कि सर्च कमेटी ने अपनी तरफ से सुरेश चंद्रा के नाम की सिफारिश की हो सकती है । लेकिन RTI पर काम कर रहे कार्यकर्ताओं का कहना है कि सर्च कमेटी के पास ऐसा कोई भी अधिकार नहीं है कि वो अपनी तरफ से नामों का सुझाव दे ।

RTI Activist आस्था माथुर, संस्थापक, राष्ट्रीय सूचनाधिकार, मानवाधिकार एवं पर्यावरण संरक्षण संगठन तथा अन्य RTI पर काम करने वाले सतर्क नागरिक संगठन और सूचना के जन अधिकार का राष्ट्रीय अभियान (एनसीपीआरआई) की सदस्य अंजलि भारद्वाज का कहना है कि अगर सरकार को अपनी तरफ से ही नियुक्ति करनी थी तो फिर आवेदन क्यों मंगाए जाते हैं । कानून में ऐसा कहीं भी नहीं लिखा है और ये किसी को नहीं पता कि अपनी तरफ से किसी नाम की सिफारिश करने की शक्ति इन्हें कहां से मिली है ।

RTI कार्यकर्ताओं का मानना है कि किसी ऐसे व्यक्ति को नियुक्त किया जाना, जिसने आवेदन ही न किया हो, कानूनी रूप से बिल्कुल सही नहीं है । RTI Activist अंजलि भारद्वाज का कहना है कि सर्च कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में डीओपीटी द्वारा दायर हलफनामे के खिलाफ जाकर आवेदकों की सूची से बाहर के लोगों को शॉर्टलिस्ट किया है, जो कि मनमाना व्यवहार है । इस तरह की प्रक्रिया को रोकने के लिए हर स्तर पर पारदर्शिता की आवश्यकता है । भारद्वाज ने कहा कि पूरी प्रक्रिया समाप्त होने के बाद उसकी सूचना जारी करने का क्या अर्थ है ?

बता दें कि अंजलि भारद्वाज की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 13 दिसंबर को डीओपीटी को शॉर्टलिस्ट उम्मीदवारों और सर्च कमेटी की बैठकों के मिनट्स को सार्वजनिक करने का निर्देश दिया था । लेकिन विभाग ने जानबूझकर 18 जनवरी को इस निर्देश का अनुपालन किया, जब पूरी प्रक्रिया समाप्त हो गई और नियुक्तियां हो चुकी थीं । अंजलि भारद्वाज केंद्रीय सूचना आयोग में नियुक्ति के लिए अपनाई गई प्रक्रिया और गोपनीयता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाली हैं ।

Leave A Reply

Your email address will not be published.

आदिपुरुष फिल्म पर प्रतिबंध लगाया जाए – भुवनेश आधुनिक     |     रेलवे आरक्षण सुविधा बाधित होने से यात्रियों को उठानी पड़ेगी परेशानी !     |     फर्जी SDM बनकर मिलता था अधिकारियों से ! हुआ गिरफ्तार !     |     चाइनीज मांझा बना जी का जंजाल, गर्दन कटने से युवक की हालत नाजुक !     |     मोमबत्ती से घर में लगी आग, मासूम बच्ची की हुई जलकर मौत !     |     अलीगढ़ विकास प्राधिकरण के बुल्डोजर ने 15 बीघा जमींन को खाली कराया !     |     दिल्ली में बिपरजॉय का असर, आज फिर बादल बरसने से गिरेगा तापमान ! यूपी को भी राहत !     |     अखिलेश यादव ने उठाए प्रदेश कानून व्यवस्था पर सवाल !     |     बिपरजॉय करेगा चारधाम यात्रा को प्रभावित, यात्रियों को उठानी पड़ सकती है परेशानी !     |     9 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित विशाल जनसभा कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया !     |     परचून की दुकान में शराब बेच रहे शराब तस्कर को पुलिस ने किया गिरफ्तार !     |     योगी सरकार का आदेश, अपनी तहसील में ही निवास करें उपजिलाधिकारी और तहसीलदार !     |     जल शक्ति मंत्री ने सरयू नदी किनारे हुए कटान रोधी कार्यों का किया निरीक्षण !     |     UDID कार्ड के लम्बित आवेदनों को शीघ्र निपटाएं : डीएम     |     ब्रेक फेल होने से पंचम वाहिनी SSB की बस दुर्घटनाग्रस्त ! 19 जवान थे सवार जवान सुरक्षित !     |     राजेंद्र सिंह बिष्ट (रज्जी) देवभूमि उद्योग व्यापार मंडल महानगर हल्द्वानी के प्रभारी एवं कृष्ण कुमार आगरी वरिष्ठ उपाध्यक्ष मनोनित !     |     लालकुआं पुलिस ने एक अवैध शराब के साथ एक व्यक्ति को किया गिरफ्तार !     |     मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बाटी रेड क्रॉस सोसाइटी की पुनर्वास राहत सामग्री !     |     DM की अध्यक्षता में हुआ सम्पूर्ण समाधान दिवस का आयोजन !     |     नाराज उपभोक्ताओं की बिजली कटौती की समस्या को लेकर प्रदर्शन के बाद प्रशासन अधिकारियों के साथ की मीटिंग !     |    

पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए इस नम्बर पर सम्पर्क करें- 9410378878