RTI खुलासा अलीगढ़ शिक्षा विभाग को नहीं हैं शासन के आदेश की परवाह ! अलीगढ़ BSA कार्यालय कर्मियों सहित अनेक अध्यापकों अनेक शिक्षा अधिकारियों ने नहीं की अपनी चल – अचल सम्पत्ति की घोषणा !
RTI खुलासा अलीगढ़ शिक्षा विभाग को नहीं हैं शासन के आदेश की परवाह !
अलीगढ़ BSA कार्यालय कर्मियों सहित अनेक अध्यापकों अनेक शिक्षा अधिकारियों ने नहीं की अपनी चल – अचल सम्पत्ति की घोषणा !
उत्तर प्रदेश : अलीगढ़
20 जून 2022 : अलीगढ़ बेसिक शिक्षा विभाग के अनेक खण्ड शिक्षा अधिकारियो / अध्यापकों ने नहीं की है शासन के आदेश के बावजूद अपनी चल – अचल सम्पत्ति की घोषणा नहीं की है ! शासन के आदेश की नहीं किसी भी कर्मचारी को परवाह ! खुद BSA अलीगढ़ कार्यालय असमर्थ है अपने अधीनस्थों को चल – अचल सम्पत्ति की घोषणा कराने में ।
BSA कार्यालय के अनेक कर्मचारी भी शासन का आदेश दबा कर बैठ गए हैं ! बेखौफ है सरकार के आदेशों का अनुपालन करने में !
जनता की जानकारी के लिए बता दे कि बेसिक शिक्षा विभाग अलीगढ़ में कई खण्ड शिक्षा अधिकारी तथा अध्यापक ऐसे है जिन्होंने अपने सेवाकाल में बहुत मोटा माल कमाया हैं तथा जानबूझ कर शासन के आदेशों के बावजूद अपनी चल – अचल संपत्ति की घोषणा नहीं कर रहे है, अपनी चल – अचल सम्पत्ति के घोषणा करने में उन्हें डर है कि कहीं उनके भृष्टाचार से कमाई काली कमाई की पोल न खुल जाए ऐसा सूत्र बताते है ।
भृष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए तथा अलीगढ़ शिक्षा विभाग में व्याप्त अनियमितताओं को उजागर करने हेतु, शासन की नीतियों का कड़ाई से पालन किये जाने हेतु सूचनाधिकार कार्यकर्ता नीरज माथुर जी ने अलीगढ़ BSA को उत्तर प्रदेश कर्मचारी आचरण नियमावली के नियम – 24 का पालन सुनिश्चित कराये जाने हेतु एवं खण्ड शिक्षा अधिकारी आलोक कुमार श्रीवास्तव, सहायक अध्यापिका भावना माथुर सहित सभी कर्मचारियों की चल – अचल सम्पत्ति का विवरण सार्वजानिक कराये जाने हेतु पत्राचार किया, किन्तु पद के घमंड में चूर अलीगढ़ BSA को दिनाँक 26.06.2021 को पत्र लिखा था जिसके जवाब में जिला BSA कार्यालय अलीगढ़ के हस्ताक्षरित पत्र द्धारा यह सूचित किया गया कि –
“”उ०प्र० बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली 1981 में चल – अचल सम्पत्ति का ब्यौरा दिए जाने का उल्लेख नहीं है””
इस तरह के नियम विरुद्ध जवाब देकर BSA अलीगढ़ ने उन तमाम भृष्टाचारियों को अपना सरंक्षण प्रदान कर दिया ! BSA अलीगढ़ ने उत्तर प्रदेश शासन के मुख्य सचिव के शासनादेश संख्या – 1/2017/13/5/1998TC-का-1-2017 दिनांक – 21-03-2017 मानने से ही इंकार कर दिया ।
सूचनाधिकार कार्यकर्ता नीरज माथुर जी ने BSA अलीगढ़ के जवाब पर आपत्ति करते हुए शासन से पत्राचार किया, जिसके जवाब में अपर मुख्य सचिव (बेसिक) उत्तर प्रदेश ने हस्तक्षेप कर शासनादेश संख्या – 972/68-1-2021 दिनाँक – 23 जून 2021 को आदेश किया कि –
“”बेसिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत कार्यरत सरकारी सेवकों द्धारा चल सम्पत्ति का विवरण निर्धारित समयावधि में उपलब्ध नहीं कराने वाले सरकारी सेवकों के विरुद्ध खुली सतर्कता जांच शुरू कर दी जाएगी, जिसके लिए सम्बंधित स्वय उत्तरदाई होंगे””
अपर मुख्य सचिव (बेसिक) उत्तर प्रदेश आदेश के बाबजूद अलीगढ़ बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कोई सार्थक कदम नहीं उठाया और चल – अचल सम्पत्ति की घोषणा किसी भी भृष्टाचारियों ने नहीं की, जिससे “स्वर विद्रोह टाइम्स” को भी अब यही लगा कि नियम कानून केवल आमजनता के लिए ही होते है ।
महानिदेशक, स्कूल शिक्षा, उत्तर प्रदेश ने भी सूचनाधिकार कार्यकर्ता नीरज माथुर जी की न्यायहित में फ़रियाद सुनी और बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत सरकारी सेवकों को चल – अचल संपत्ति का विवरण दाखिल करने के लिए शासनादेश जारी किया ।
परन्तु BSA अलीगढ़ अपने उच्चाधिकारियों के आदेश का पालन न खुद कर रहे है और न ही अपने अधीनस्थों को ही चल – अचल सम्पत्ति की घोषणा न करने पर कार्यवाही कर रहे है, जिससे स्पष्ट लग रहा है कि BSA अलीगढ़ को कोई रूचि नहीं है अपने उच्चाधिकारियों के आदेश की, साथ ही BSA अलीगढ़ का अप्रत्यक्ष रूप से सरंक्षण भी प्राप्त हो रहा है उन सरकारी सेवकों को जिन्होंने अपनी चल – अचल सम्पत्ति की घोषणा सरकारी निर्देश के अनुरूप नहीं की है ।
“”स्वर विद्रोह टाइम्स”” टीम लगातार खोज रही है उन तमाम भृष्टाचार करने वाले और भृष्ट सरकारी सेवको को जिन्होंने नियम कानून को अपनी जागीर समझ रखा है ! चल – अचल सम्पत्ति की घोषणा न करने में एक सहायक अध्यापिका भावना माथुर भी शामिल है जिहोने दिवालिया होने के उपरांत भी बहुत चल – अचल सम्पत्ति नियम कानून को ताक पर रख कर बनाई हैं, इस संगीतप्रेमी सहायक अध्यापिका भावना माथुर जिसके कई छदम उपनाम समाज में पुकारे जाते है उर्वशी उर्फ़ पिंकी के विरुद्ध भी कार्यवाही करने का अभी कोई मन नहीं बना पाए है BSA अलीगढ़, हम “स्वर विद्रोह टाइम्स” के पाठकों को पुनः याद दिलाना चाहेंगे कि, भावना माथुर सहायक अध्यापिका को माo न्यायालय श्रीमान सिविल जज महोदय (कनिष्ठ प्रभाग) अलीगढ़ के यहाँ अपने पति श्री विजय माथुर पुत्र स्व. श्री सन्तोष माथुर निवासी E – 19 जवाहरबाग कॉलोनी, थाना सदर, मथुरा के विरुद्ध एक दीवानी प्रकीर्ण वाद पॉपर / मुफ़लिस / अकिंचन / दिवालिया के रूप में दायर किया था, जिसमे तहसील कोल अलीगढ़ की रिपोर्ट / जाँच आख्या जो माह नवम्बर, वर्ष – 1999 प्रेषित की गई, के आधार पर माo न्यायालय श्रीमान सिविल जज महोदय (कनिष्ठ प्रभाग) अलीगढ़ ने अपने आदेश दिनाँक – 27.11.1999 के द्वारा भावना माथुर को पॉपर / मुफ़लिस / अकिंचन / दिवालिया घोषित कर दिया था, इस दिवालिया महिला सहायक अध्यापिका के पास इतनी चल – अचल सम्पत्ति है कि जो किसी सरकारी सेवक के वेतन से इकठ्ठा कर पाना संभव नहीं है ।
अब देखना यह बाकी हैं कि शासन के निर्देश का अनुपालन BSA अलीग़ढ करा पाते है या नहीं ?