नहीं थम रहा रोष केंद्रीय सूचना आयुक्त के फैसले के खिलाफ ! सूचनाधिकार कार्यकर्ता सरकार को लगातार ई – मेल और पत्र भेज कर रहे है, केंद्रीय सूचना आयुक्त के विरुद्ध कार्यवाही की मांग !
नहीं थम रहा रोष केंद्रीय सूचना आयुक्त के फैसले के खिलाफ !
सूचनाधिकार कार्यकर्ता सरकार को लगातार ई – मेल और पत्र भेज कर रहे है, केंद्रीय सूचना आयुक्त के विरुद्ध कार्यवाही की मांग !
उत्तर प्रदेश : प्रतापगढ़
22 जून 2022 : मशहूर विधि अधिवक्ता रूद्र नारायण तिवारी जी ने केंद्रीय सूचना आयुक्त के विरुद्ध रजिस्टर्ड पत्र भेज कर विधि की अपेक्षा के अनुसार कार्यवाही किये जाने की मांग की !
प्रतापगढ़ के मशहूर विधि अधिवक्ता रूद्र नारायण तिवारी जी ने केंद्रीय सूचना आयुक्त सुरेश चंद्रा द्धारा श्री नीरज माथुर बनाम आर्यावर्त बैंक में दिए गए विधि विरुद्ध निर्णय के खिलाफ महामहिम राष्ट्रपति महोदय तथा अन्य केन्द्रीय मंत्रालयों को ई – मेल और रजिस्टर्ड पत्र भेज कर विधि की अपेक्षा के अनुसार कार्यवाही किये जाने की मांग की ।
“स्वर विद्रोह टाइम्स” के पाठकों को बता दे कि श्री नीरज माथुर बनाम आर्यावर्त बैंक के निर्णय में केंद्रीय सूचना आयुक्त सुरेश चंद्रा द्धारा RTI Act – 2005 की धारा – 19 (5) का पालन नहीं किया गया तथा आर्बिट्रेरी आदेश अपनी इच्छा से RTI कानून की व्याख्या कर आदेश पक्षकार अपीलकर्ता नीरज माथुर जी को सुने बिना ही दिनाँक – 07/06/2022 को पारित कर दिया, इस नाइंसाफी भरे फैसले और सूचना आयुक्त सुरेश चंद्रा द्धारा RTI Act – 2005 का उल्लंघन करने पर सूचनाधिकार कार्यकर्ताओ में जबरदस्त रोष व्याप्त है तथा अनेक सूचनाधिकार कार्यकर्ता इस मामले में सैकड़ो की संख्या में ई-मेल और पत्र भेज कर अपना संवैधानिक रोष जाहिर कर रहे है ।
“स्वर विद्रोह टाइम्स” ने इस सम्बन्ध में पुनः नीरज माथुर जी से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि जिस सूचना आयुक्त सुरेश चंद्रा की नियुक्ति ही असंवैधानिक हैं उससे संवैधानिक फैसले की आशा करना कतई मूर्खता है ।
![RTI](https://swarvidrohtimes.com/wp-content/uploads/2022/06/News-06-1-8.jpeg)
नीरज माथुर जी ने बताया कि उन्होंने सूचना आयुक्त सुरेश चंद्रा को अब तक प्राप्त वेतन इत्यादि के सम्बन्ध में अपना आवेदन RTI एक्ट की धारा – 6 (1) के अन्तर्गत आज प्रेषित कर दिया है ।
वही अनेक सूचनाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना हैं कि आयोग में सूचना के अधिकार का पालन नहीं हो रहा हैं, सूचना आयुक्त अपनी इच्छा से फैसले सुनाते है, जिससे हक़तलफी होती है, अगर अब भी सूचना आयुक्तों के विधि विरुद्ध फैसलो का विरोध नहीं होगा तो RTI Act कमजोर हो जायेगा, जनसामान्य में इस एक्ट की उपयोगिता के पार्टी रूचि ख़त्म हो जाएगी ।विधि अधिवक्ता रूद्र नारायण तिवारी जी ने कहा कि जल्द ही इस मामले में एक याचिका अतिशीघ्र माननीय उच्च न्यायालय में दायर की जाएगी । जिससे ऐसे विधि विरुद्ध फैसलों पर रोक लगायी जा सके ।