अंतरराष्ट्रीय क्षतिग्रस्त मार्ग की दुर्दषा ! मायूस नेपाल उधोग वाणिज्य संघ ने प्रधानमंत्री को भेजा शिकायती पत्र !
अंतरराष्ट्रीय क्षतिग्रस्त मार्ग की दुर्दषा ! मायूस नेपाल उधोग वाणिज्य संघ ने प्रधानमंत्री को भेजा शिकायती पत्र !
उत्तर प्रदेश : लखीमपुर खीरी (पलिया कलां खीरी)
30 जून 2022 : पलिया से गौरीफंटा नेपाल बॉर्डर की सड़क जो अंतरराष्ट्रीय सड़क कही जाती है, पिछले कई वर्षों इस सड़क की हालत इतनी जर्जर है की सड़क पर आवगमन करने वाले कहते है की यहाँ तो सड़क पर चलने के सड़क को गड्ढो व सड़क किनारे की खाइयों में खोजना पड़ता है । जबकि इस सड़क से भारत नेपाल का कई करोड़ो का कारोबार प्रतिदिन होता है । इस भारत नेपाल सड़क से प्रतिदिन लगभग एक लाख नागरिक आवागमन करते है पिछले तीन वर्षों में नेपाल के दो प्रधानमंत्रियों ने भारत की यात्रा की है ओर दोनों ही बार नेपाल की तरफ से इस सड़क की समस्या इस एजेंडा में शामिल रही है । पलिया से नेपाल यानि कि 35 किलोमीटर के मार्ग पर प्रतिदिन एक दो दुर्घटना एवं मालवाहक का पलट जाना आम बात हो गई है । मालवाहक वाहनों के पलटने के कारण पिछले एक वर्ष में भारत नेपाल के कारोबारियों सैकड़ो लाखों रुपए का भारी नुकसान हो चुका है । ये सब एजेंडा नेपाल के कागजों में है इसको देखते यहां अनुमान लगाया जा सकता है कि पलिया लखीमपुर के जनप्रतिनिधियों के लिए शर्म की बात है । अपने क्षेत्र की समस्याओं से लड़ने के लिए दूसरे देश के नागरिकों को आगे आना पड़ रहा है ।
आखिर भारत जैसे मजबूत राष्ट्र में भारी भरकम बजट होते हुए भी क्या काम करते है हमारे जनप्रतिनिधि ।
जिला ब्यूरो चीफ लखीमपुर खीरी अनूप कुमार भास्कर की रिपोर्ट