UP सरकारी स्कूलों के अच्छे दिन ! एडमिशन रेट 35% बढ़ा ! स्कूल छोड़ने वाले बच्चे भी हुए कम, लेकिन इस बार अभी बच्चों तक नही पहुंची किताबे !
उत्तर प्रदेश : गोरखपुर
14 जुलाई 2022 : उत्तर प्रदेश में अपर प्राइमरी यानी माध्यमिक स्कूलों में 5 साल में ड्रॉपआउट रेट 8% कम हुआ है. साल 2016-17 में सरकारी स्कूलों को बीच में ही छोड़ देने वाले बच्चों की संख्या 22.13% थी । यह आंकड़ा 5 साल में गिरकर 14.41% हो गया है. अब योगी सरकार ने अगले 5 साल में इस ड्रापआउट रेट को 14 से 5% करने का टारगेट सेट किया है. यूपी सरकार के साल 2022-23 के बजट में बेसिक और माध्यमिक शिक्षा के लिए करीब 4 हजार करोड़ रुपए का बजट जारी किया गया. इस बजट से माध्यमिक विद्यालयों में स्मार्ट क्लास, वॉटर एवलेबिलिटी, शौचालय निर्माण और बिजली कनेक्टिविटी से जोड़ने का काम चल रहा है ।
केंद्रीय शिक्षा विभाग की वार्षिक रिपोर्ट 2021 के अनुसार, साल 2019-20 की तुलना में 2020-21 में सरकारी स्कूलों में बीच से पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों की संख्या कम हुई है. देश भर के माध्यमिक विद्यालयों में ड्रॉपआउट रेट 8.9 से घटकर 2.8% हो गया. उच्च माध्यमिक स्तर पर 2019-20 में 21.4% ड्रॉपआउट रेट था, जो घटकर साल 2020-21 में 17.6% रह गया है ।
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने 10 जुलाई को लोकभवन में बेसिक शिक्षा विभाग की 100 दिन की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा, यूपी के हर सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापक और एक शिक्षक को एक साल के भीतर टैबलेट दिया जाएगा. इसी तरह, 18,381 अपर प्राइमरी स्कूलों में स्मार्ट क्लास बनाने के लिए पैसा जारी कर दिया गया है । स्मार्ट क्लास बनाने की प्रक्रिया इसी सत्र में पूरी करने का लक्ष्य है ।
स्मार्ट क्लास योजना में बेसिक शिक्षा विभाग हर स्कूल को 2.40 लाख रुपए देगा. इससे हर विद्यालय में स्मार्ट प्रोजेक्टर, LED स्क्रीन, स्पीकर, माइक, वेबकैम और इंटरनेट कनेक्शन लगाया जाएगा ।
जिला क्राइम ब्यूरो चीफ गोरखपुर बाबूलाल सक्सेना की रिपोर्ट